Ayurveda : सावन का महीना शुरू हो चुका है पूरे मौसम में हरियाली और ठंडक फैल चुकी है। हिंदू धर्म के मुताबिक सभी लोग व्रत कर रहे हैं और भोलेनाथ शंकर की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। हिंदू धर्म के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। परंतु सच कहे तो यह बात धर्म से जुड़ी हुई नहीं बल्कि वैज्ञानिक तौर पर सेहत से जुड़ी हुई है। गर्मी के बाद ठंड का मौसम आने के बीच में मौसम में जो परिवर्तन होते हैं इस समय हमें अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए और इसलिए हफ्ते में एक दिन फलाहार करना आपकी सेहत को और अच्छा बनाएगा। जिससे आप सावन में व्रत रखने से आप बहुत सी बीमारियों से भी बच सकते है
आयुर्वेद के अनुसार सावन में व्रत करने से क्या होता है?Ayurveda
व्रत करने से शरीर में जमा हुए विषैले तत्वों का निकास होता है जो शरीर के रोगों का कारण बनते हैं। इससे शरीर का शुद्धिकरण होता है और शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है। व्रत करने से शरीर के अंगों को आराम मिलता है जो उनके फिर से शुरू होने के लिए तैयार होने में मदद करता है। इससे मानसिक शांति मिलती है और दिमाग शांत होता है। हफ्ते में एक दिन अन्न ग्रहण ना करने से हमारा पाचन तंत्र भी सही रहता है।
व्रत करने से हम किन बीमारियों से बच सकते हैं
Ayurveda के अनुसार व्रत करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। व्रत करने से शरीर का शुद्धिकरण होता है जो विभिन्न रोगों से बचाव करता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। इसलिए, व्रत करने से बीमारियों से बचा जा सकता है।व्रत करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। इसमें शामिल हैं: दिल की बीमारियां, मधुमेह, कैंसर, उच्च रक्तचाप, त्वचा संबंधी समस्याएं और बहुत सारी अन्य बीमारियां। इस साल सावन का महीना और भी पावन है क्योंकि आपको कुल आठ सोमवार के व्रत करने का अवसर मिल रहा है। यदि आप चाहें तो अपनी इच्छा अनुसार सभी सोमवार में व्रत करके शिवलिंग पर जल अर्पण कर सकते हैं।
FAQ
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